दिल्ली में जल्द होंगे चुनाव, AAP की होगी सत्ता में वापसी ! Delhi Ground Report | Arvind Kejriwal

राजधानी दिल्ली में एक बार फिर चुनाव की आहट सुनाई देने लगी है। दिल्ली चुनाव आयुक्त ने इसके लिए पूरी तैयारियां कर ली हैं। हाल ही में दिल्ली चुनाव आयुक्त ने सभी राजनीतिक दलों को बुलाकर चुनाव संबंधी जानकारी साझा की थी। ऐसे में कभी भी दिल्ली में चुनाव का ऐलान हो सकता है, जिससे राजनीतिक समीकरण भी बदल सकते हैं। सवाल यह है कि क्या एक बार फिर आम आदमी पार्टी दिल्ली की सत्ता पर काबिज होगी?
इन चुनावों के बाद इस सवाल का जवाब मिलेगा। इससे पहले विधानसभा चुनाव हुए थे जिसमें करीब कई वर्षों से सत्ता का सपना देख रही भाजपा ने आम आदमी पार्टी को हराया था, जो पिछले लंबे समय से दिल्ली की सत्ता में थी। भाजपा ने मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई, जबकि आम आदमी पार्टी काफी पीछे रह गई थी। इससे पहले हुए दो चुनावों में आम आदमी पार्टी ने भारी बहुमत से जीत दर्ज की थी और लगातार सत्ता में बनी हुई थी।
लेकिन हाल ही में हुए चुनावों के बाद सत्ता परिवर्तन हुआ और भाजपा दिल्ली की सत्ता में आ गई। इसके साथ-साथ दिल्ली नगर निगम में भी बदलाव हुआ, जहां आम आदमी पार्टी को सत्ता से बेदखल होना पड़ा। दिल्ली नगर निगम में जो बहुमत पहले आम आदमी पार्टी के पास था, वह अब भाजपा के पास चला गया है।
दिल्ली नगर निगम की कुल सीटें बहुत अधिक हैं, जिनमें से बहुमत के लिए एक निश्चित आंकड़ा जरूरी होता है। सांसद और विधायक भी इन चुनावों में वोट करते हैं। हाल ही में मेयर और डिप्टी मेयर के चुनावों में आम आदमी पार्टी ने अपने उम्मीदवार नहीं उतारे, जबकि भाजपा ने दोनों पदों पर जीत हासिल कर दिल्ली में केंद्र, विधानसभा और नगर निगम में अपनी ट्रिपल इंजन सरकार बना ली।
इस बीच, कुछ पार्षद विधायक बन गए हैं और कुछ सीटें सांसदों के चुनाव जीतने से खाली हुई हैं। कुल मिलाकर नगर निगम की कई सीटें अब रिक्त हैं और इन पर उपचुनाव होने जा रहे हैं। इन उपचुनावों से दिल्ली की राजनीति में एक बड़ा बदलाव आ सकता है। महापौर और उपमहापौर पद से सत्ता जाने के बाद आम आदमी पार्टी फिर से वापसी कर सकती है, अगर वह इन उपचुनावों में जीत दर्ज करती है।
अगर ऐसा होता है, तो भाजपा की ट्रिपल इंजन सरकार सिर्फ डबल इंजन सरकार बनकर रह जाएगी और यह उसके लिए बड़ा राजनीतिक झटका होगा।
दिल्ली में भाजपा की सरकार बने अभी कुछ ही समय हुआ है, और उसने नगर निगम में भी सत्ता प्राप्त कर ली है। हालांकि, यदि आम आदमी पार्टी इन सभी खाली सीटों पर जीत हासिल करती है, तो यह भाजपा के लिए एक गंभीर राजनीतिक झटका हो सकता है। इससे न केवल भाजपा को मिला जनादेश सवालों के घेरे में आ जाएगा, बल्कि कुछ ही महीनों में बदलते सियासी हालात भी चर्चा का विषय बन जाएंगे।
आम आदमी पार्टी यह दिखाने की कोशिश करेगी कि दिल्ली की जनता वर्तमान सरकार से ऊब गई है और बदलाव चाहती है।
यह उपचुनाव भाजपा और आम आदमी पार्टी दोनों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन चुका है। दोनों दल पूरी ताकत के साथ चुनाव प्रचार में उतरेंगे। भाजपा जहां सत्ता को बचाने की कोशिश करेगी, वहीं आम आदमी पार्टी वापसी का रास्ता तलाशेगी।
ये चुनाव न केवल सीटों का गणित बदलेंगे, बल्कि दिल्ली की राजनीति की दिशा और दशा भी तय करेंगे। आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं के लिए यह अवसर है कि वे फिर से सड़कों पर उतरें और राजनीतिक जोश के साथ मैदान में उतरें। इन उपचुनावों का परिणाम दिल्ली की राजनीति पर गहरा असर डालेगा और आने वाले चुनावों के संकेत भी देगा।