Categories
Fitness

क्या आपको भी गैस बनती है जानकार चौक जायेंगे आप कहीं आप भी तो नहीं लेते चाय के साथ ये चीजे? Gas Pain

चाय और हल्दी: एक साथ सेवन से गैस की समस्या – जानिए कारण और बचाव के उपाय

हम भारतीयों की दिनचर्या में चाय और हल्दी दोनों का अहम स्थान है। सुबह की शुरुआत चाय से होती है और भोजन में हल्दी का उपयोग लगभग हर व्यंजन में होता है, खासकर सब्ज़ियों में। लेकिन क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि जब चाय पीने के बाद हल्दी युक्त भोजन खाया जाए, तो पेट में गैस बनने लगती है, या पेट भारी महसूस होता है? यह एक आम लेकिन कम समझा गया मसला है। इस लेख में हम विस्तार से समझेंगे कि क्यों चाय और हल्दी युक्त भोजन एक साथ लेने से गैस की समस्या हो सकती है, और इससे बचने के उपाय क्या हैं।


चाय का शरीर पर प्रभाव

चाय, खासकर दूध वाली चाय, कैफीन, टैनिन्स और अन्य कई यौगिकों से भरपूर होती है। ये यौगिक कुछ लोगों में एसिडिटी और पाचन संबंधी समस्याएं उत्पन्न कर सकते हैं। चाय पीने से पेट में गैस बनने की संभावना इसलिए भी बढ़ जाती है क्योंकि यह पाचन रसों के स्राव को प्रभावित करती है और भूख कम कर सकती है। खाली पेट चाय पीने से भी पेट की परत को नुकसान पहुंचता है, जिससे एसिड बढ़ता है और गैस बनने लगती है।


हल्दी का प्रभाव

हल्दी (Curcuma longa) एक आयुर्वेदिक औषधि है जिसे उसकी एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों के कारण जाना जाता है। हल्दी आमतौर पर भोजन में एक मसाले के रूप में उपयोग की जाती है और यह पाचन को बेहतर बनाने में सहायक होती है। लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि हल्दी गर्म प्रकृति वाली होती है। कुछ लोगों को हल्दी की अधिक मात्रा से भी गैस, अपच या पेट में जलन हो सकती है, खासकर यदि वह पहले से ही पाचन संबंधी समस्याओं से ग्रसित हों।


चाय और हल्दी: एक साथ क्यों नहीं?

अब सवाल ये उठता है कि जब दोनों ही अलग-अलग रूप में फायदेमंद हैं, तो साथ में लेने पर समस्या क्यों होती है? इसका उत्तर हमारी पाचन प्रक्रिया और इन दोनों तत्वों की प्रकृति में छिपा है।

1. गर्म तासीर का टकराव

चाय और हल्दी दोनों ही गर्म तासीर वाले होते हैं। जब इनका सेवन एक साथ किया जाता है या बहुत ही छोटे अंतराल में किया जाता है, तो पेट में गर्मी का स्तर अचानक बढ़ सकता है, जिससे पाचन में असंतुलन उत्पन्न होता है और गैस बनने लगती है।

2. पाचन रसों की गड़बड़ी

चाय में मौजूद टैनिन्स भोजन के साथ मिलकर पाचन रसों के काम में बाधा डालते हैं। अगर आपने चाय पीने के तुरंत बाद हल्दी वाली सब्जी खा ली, तो हल्दी की गर्म प्रकृति और चाय के टैनिन्स मिलकर पाचन को बाधित कर सकते हैं। यह अपच, पेट फूलना और गैस जैसी समस्याओं को जन्म देता है।

3. दूध और हल्दी का असंगत मेल

दूध वाली चाय और हल्दी एक साथ लेने पर कुछ लोगों को भारीपन महसूस होता है। आयुर्वेद में भी कुछ खाद्य संयोजनों को “विरुद्ध आहार” कहा गया है। दूध और हल्दी भले ही अकेले फायदेमंद हों, लेकिन चाय में मौजूद तत्वों के साथ मिलकर यह संयोजन हर किसी के लिए उपयुक्त नहीं होता।


उदाहरण से समझें:

उदाहरण 1:
रवि रोज़ सुबह चाय पीने के बाद नाश्ते में आलू की हल्दी वाली सब्जी और परांठा खाते हैं। वह अक्सर शिकायत करते हैं कि पेट में भारीपन और गैस हो जाती है। डॉक्टर से परामर्श लेने पर पता चला कि चाय और हल्दी युक्त भोजन का तुरंत सेवन उनके पेट को सूट नहीं करता।

उदाहरण 2:
सीमा ऑफिस जाने से पहले जल्दी-जल्दी में चाय के साथ हल्दी वाली बेसन की पकोड़ी खा लेती हैं। उन्हें दोपहर तक पेट फूलने और डकारें आने की समस्या होती है। जब उन्होंने चाय और हल्दी वाले भोजन के बीच एक घंटे का अंतर करना शुरू किया, तो समस्या लगभग खत्म हो गई।


कैसे करें बचाव?

यदि आपको भी इस तरह की समस्या होती है, तो निम्नलिखित उपाय आजमा सकते हैं:

1. समय का ध्यान रखें

चाय और हल्दी वाले भोजन के बीच कम से कम 30 से 60 मिनट का अंतर रखें। इससे पाचन तंत्र को संतुलित रहने में मदद मिलेगी।

2. चाय की मात्रा सीमित करें

दिन में 1-2 बार से ज्यादा चाय पीने से बचें, खासकर भोजन के आसपास।

3. हल्दी की मात्रा नियंत्रित करें

हल्दी का प्रयोग सीमित मात्रा में करें। अत्यधिक हल्दी पाचन तंत्र को प्रभावित कर सकती है।

4. गुनगुना पानी पीएं

चाय और हल्दी वाले भोजन के बाद गुनगुना पानी पीने से गैस और अपच की समस्या से राहत मिल सकती है।

5. आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से परामर्श लें

यदि आपको बार-बार ऐसी समस्या होती है, तो आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श लें, जो आपके शरीर की प्रकृति के अनुसार सही सलाह देंगे।


निष्कर्ष

चाय और हल्दी दोनों हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हो सकते हैं, लेकिन इन्हें सही समय और संयोजन में लेना अत्यंत आवश्यक है। इन दोनों का एक साथ या बहुत नजदीकी अंतराल पर सेवन करने से कुछ लोगों को गैस और पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। यदि आप अपने शरीर के संकेतों को पहचानकर और थोड़ी समझदारी से आहार में परिवर्तन करें, तो आप इन समस्याओं से बच सकते हैं और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।

Exit mobile version