Downfall in Gold Prices सोने की कीमतों में गिरावट: वैश्विक संकेतकों और व्यापार वार्ता की उम्मीदों ने घटाई चमक
हाल ही में सोने की कीमतों पर भारी दबाव देखा गया है, जिससे यह अपने उच्चतम स्तर से लगभग 7% तक लुढ़क चुका है। 22 अप्रैल को एमसीएक्स (MCX) पर सोने की कीमत ₹99,358 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई थी, लेकिन उसके बाद से इसमें लगातार गिरावट देखी जा रही है। अब यह 50-दिवसीय मूविंग एवरेज के नीचे बंद होने के करीब है — जो दिसंबर के बाद पहली बार हो सकता है। तकनीकी विश्लेषकों का मानना है कि यह संकेत है कि निवेशकों की धारणा में कमजोरी आई है।
इस गिरावट के पीछे कई वैश्विक कारक जिम्मेदार हैं, जैसे:
- डॉलर की मजबूती, जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों पर दबाव बना।
- ब्याज दरों में संभावित बढ़ोतरी, जो सुरक्षित निवेश विकल्पों की मांग को प्रभावित करती है।
- और अब अमेरिका-चीन के बीच व्यापार वार्ता की सकारात्मक उम्मीदें, जिससे निवेशक जोखिम वाले परिसंपत्तियों की ओर लौट रहे हैं।
आज का सोने का भाव: वैश्विक घटनाक्रमों का असर
बुधवार को, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमेरिका और चीन के बीच संभावित व्यापार वार्ताओं की खबरों ने बाजार में उत्साह भर दिया, जिससे सुरक्षित निवेश विकल्पों, खासकर सोने की मांग में कमी आई।
सुबह 10:01 बजे, एमसीएक्स पर जून डिलीवरी वाला सोना ₹96,927 प्रति 10 ग्राम पर कारोबार करता देखा गया, जो कि पिछले बंद भाव से ₹564 कम है। वहीं जून वायदा वाली चांदी ₹11 की हल्की गिरावट के साथ ₹96,690 प्रति किलोग्राम पर ट्रेड कर रही थी।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्पॉट गोल्ड में 1.2% की गिरावट दर्ज की गई और यह $3,388.67 प्रति औंस तक पहुंच गया (0225 GMT तक), जबकि पिछले सत्र में इसमें लगभग 3% की तेज़ बढ़त देखी गई थी।
व्यापार वार्ता और वैश्विक नीति निर्णयों की भूमिका
व्यापार तनाव को कम करने की संभावनाएं तब और प्रबल हुईं जब अमेरिकी ट्रेज़री सेक्रेटरी स्कॉट बेसेन्ट और व्यापार वार्ताकार जैमीसन ग्रीयर, चीन के उप प्रधानमंत्री हे लिफेंग से संभावित समाधान को लेकर चर्चा करने वाले हैं। गौरतलब है कि बीते महीने दोनों देशों ने एक-दूसरे पर जवाबी टैरिफ लगाए थे, जिससे वैश्विक आर्थिक मंदी की आशंका और गहरा गई थी।
मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वे और उनके वरिष्ठ अधिकारी आने वाले 15 दिनों में संभावित व्यापार समझौतों का आकलन करेंगे, ताकि यह तय किया जा सके कि किस दिशा में आगे बढ़ना है।
बाजार विश्लेषकों का कहना है कि यदि इन वार्ताओं में सकारात्मक प्रगति होती है, तो सोने जैसी ‘सुरक्षित निवेश’ की मांग और भी घट सकती है।
आगे का रुझान: नजरें फेडरल रिजर्व की घोषणा पर
बाजार की निगाहें अब अमेरिकी फेडरल रिजर्व की आज होने वाली मौद्रिक नीति घोषणा पर टिकी हैं। यदि ब्याज दरों में बदलाव या कड़ा रुख सामने आता है, तो यह सोने की कीमतों पर और भी दबाव डाल सकता है।
कुल मिलाकर, तकनीकी संकेतक, वैश्विक व्यापार गतिशीलता और मौद्रिक नीतियां, तीनों मिलकर आने वाले दिनों में सोने की चाल को निर्धारित करने वाले प्रमुख कारक होंगे। यदि मौजूदा तकनीकी स्तर टूटते हैं, तो सोने की कीमतों में और गिरावट से इंकार नहीं किया जा सकता।